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विभाग

बजट अनुभाग:

यह अनुभाग प्राधिकरण के वार्षिक बजट के संकलन और क्षेत्रीय केंद्रीय लेखा इकाइयों/कार्यालयों को निधि जारी करने से संबंधित है। बजटीय आबंटन के संदर्भ में विभिन्न मदों/परियोजनाओं के व्यय पर नियंत्रण की निगरानी की जाती है। प्राधिकरण को पिछले वित्तीय वर्ष के लिए संशोधित बजट अनुमान चालू वित्तीय वर्ष के लिए बजट अनुमान प्रत्येक वर्ष मार्च में प्रस्तुत किए जाते हैं।

आकस्मिक व्यय अनुभाग:

आकस्मिक व्यय अनुभाग आकस्मिक प्रकृति के भुगतान से संबंधित है अर्थात् टेलीफोन के बिल, स्टेशनरी सामग्री का बिल, यात्रा का बिल, प्रशिक्षण का बिल इत्यादि। वर्तमान में इस अनुभाग में 3 यूडीसी हैं और जो उप मुख्य लेखा अधिकारी (बजट) के तहत कार्य कर रहें है। अकांउट प्रोफेशनल के रूप में एक सहायक लेखाधिकारी का प्रस्ताव किया गया है, जो उप मुख्य लेखाधिकारी (बजट) को रिपोर्ट करेगा।

चिकित्सा और पेंशन:

निदेशक चिकित्सा और पेंशन दोनों अनुभागों के प्रमुख है और उप मुख्य लेखाधिकारी (चिकित्सा) और उप मुख्य लेखाधिकारी (पेंशन) उन्हें सीधे रिपोर्ट करते है।

चिकित्सा अनुभाग:

चिकित्सा अनुभाग दिविप्रा के कार्यरत और सेवानिवृत कर्मचारियों के चिकित्सा दावों से संबंधित कार्य को देखते है। यह अनुभाग 3 सैल में विभाजित है कार्यरत कर्मचारियों के चिकित्सा दावों के लिए मेडिकल सैल है। चिकित्सा सैल 11 सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए है और चिकित्सा सैल 111 मेडिकल कार्ड जारी करता है। सलाहकार, चिकित्सा सैल 111 के प्रमुख के पास दिविप्रा के साथ अस्पतालों को पैनलबद्ध करने और उपचार के दौरान अस्पताल में कर्मचरियों की शिकायतों से संबंधित मुद्दों का समाधान करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है।

पेंशन अनुभाग:

पेंशन अनुभाग पेंशन और फेमिली पेंशन मामलों को देखता है। यह अनुभाग तीन कक्षों में विभाजित है: ग्रुप ए और ग्रुप बी कर्मचारियों के लिए इकाई 1, ग्रुप सी कर्मचारियों के लिए इकाई 2 और ग्रुप डी कर्मचारियों और वर्क चार्ज कर्मचारियों के लिए इकाई 3 ।

उप मुख्‍य लेखाधिकारी (मुख्यालय-I):

उप मुख्‍य लेखाधिकारी (मुख्यालय-I) लेखा मुख्य अनुभाग, रोकड़ मुख्य अनुभाग, जीआईएस और संपत्ति कर अनुभागों के प्रमुख हैं। उनको संबंधित वरिष्‍ठ लेखाधिकारी और लेखाधिकारी द्वारा सीधे रिपोर्ट किया जाता है।

लेखा (मुख्य):

मुख्यालय का लेखा अनुभाग मुख्य रूप से लेखा के विभिन्‍न शीर्षों के अंतर्गत वार्षिक लेखों के संकलन के लिए उत्तरदायी है। यह निवेश समिति, जिसके सदस्‍य मुख्‍य लेखाधिकारी, दि.वि.प्रा. और वित्‍त सलाहकार (आवास), निदेशक (वित्‍त), निदेशक (भूमि लागत), निदेशक (आईए) हैं, की सिफारिश पर सामान्य विकास खाता, नजुल खाता-II, यूडीएफ, खेल निधि, पेंशन फंड ट्रस्ट, ग्रेच्युटी फंड ट्रस्ट और जीपी फंड इत्‍यादि के अंतर्गत निधियों के निवेश को भी देखता है।

रोकड़ (मुख्य):

रोकड़ (मुख्य) अनुभाग दि.वि.प्रा. की बैंकिंग कार्यप्रणाली, चालानों के सत्यापन और खातों को अपडेट करने का कार्य करता है।

मुख्य कार्य:

  • रोकड़ बही में बैंक चालान की एंट्री
  • कंप्यूटर में बैंक चालान की एंट्री
  • प्रत्येक बैंक चालान हेतु फार्म सी की तैयारी
  • पेंशनरों और अन्‍य हेतु चैक जारी करना और रोकड़ बही में एंट्री करना
  • रोकड़ बही को बंद करना – इसे चेक करना और प्रमाणित करना
  • निजी बही खाते का रखरखाव
  • बैंक खाता समाधान का रखरखाव
  • चालान सत्यापन हेतु विभिन्‍न विभागों से आई हुई फाइलों का सत्‍यापन
  • समय-समय पर रिपोर्ट/एमआईएस तैयार करना
  • विभिन्न निवेशों हेतु लेन-देन
  • आरटीआई मामलों का निपटना

जीआईएस सेक्‍शन::

यह अनुभाग कर्मचारियों की मृत्यु होने तथा व्यक्तिगत दुर्घटना के मामलों में सामान्य बीमा मामलों से संबंधित दावों को देखता है। जीआईएस के वरिष्‍ठ लेखाधिकारी/लेखाधिकारी उप मुख्‍य लेखाधिकारी (मुख्यालय-I) को रिपोर्ट करता है।

संपत्ति कर प्रकोष्ठ:

यह शाखा संपत्ति कर, वैट, सेवा कर और सेस इत्‍यादि सहित विभिन्न करों के मामलों को देखता है।

कार्य लेखापरीक्षा प्रकोष्‍ठ:

कार्य लेखापरीक्षा प्रकोष्‍ठ सभी सात जोनों के मासिक लेखा, प्रशासनिक अनुमोदन (एए) एवं अनुमान संस्वीकृति (ईएस) हेतु प्रारंभिक अनुमान के वित्तीय सहमति और डब्ल्यूएबी एजेंडा मदों की संवीक्षा के साथ प्रस्‍तुत की गई वाउचरों के पोस्‍ट लेखापरीक्षा को देखता है।

मुख्य कार्य:

  • कार्य सलाहकार बोर्ड (डब्‍ल्‍यूएबी) एजेंडा मदों की संवीक्षा करना।
  • प्रारंभिक अनुमान (पीई)/संशोधित प्रारंभिक अनुमान (आरपीई) की संवीक्षा करना।
  • मध्‍यस्‍थता संवीक्षा बोर्ड मामले।
  • पेंशन मामलों का पूर्व लेखापरीक्षा।
  • अन्य विभागों से भेजे गए मामलों की संवीक्षा करना।
  • 7 जोनों के वाउचरों का पोस्ट ऑडिट।

संस्थापना अनुभाग:

संस्थापना अनुभाग दि.वि.प्रा. के संस्थापना रिकॉर्ड का रखरखाव करता है और कर्मचारियों के भुगतान की देखभाल करता है। इस अनुभाग को दो कक्ष नामतः राजपत्रित संस्थापना कक्ष और अराजपत्रित संस्थापना कक्ष में विभाजित किया गया है । राजपत्रित कक्ष मुख्यालय के समूह ए एवं बी के 460 कर्मचारियों को देखता है और अराजपत्रित कक्ष मुख्यालय के समूह सी एवं डी के 1960 कर्मचारियों की देखभाल करता है।

मुख्य कार्य:

  • कर्मचारियों के वेतन की प्रोसेसिंग।
  • व्यक्तिगत स्तर पर सेवा पुस्तिका और भविष्य निधि लेखा का रखरखाव।
  • व्यक्तिगत दावों जैसे कि एलटीसी, शिक्षा भत्ता, यात्रा भत्ता और महंगाई भत्ते आदि की संवीक्षा।
  • बजट से संबंधित कार्य।
  • कार्मिक विभाग और अन्य विभागों से भेजी गईं फाइलों को देखना।
  • प्रतिनियुक्‍त प्रेषण जैसे जीपीएफ, जीआईएस इत्‍यादि की प्रोसेसिंग।
  • आंतरिक लेखा परीक्षा और बाह्य लेखापरीक्षा के दौरान सहायता प्रदान करना।
  • खाता बंद करने और बैंक समाधान से संबंधित कार्य।
  • जीपीएफ पर लोन और अग्रिम की प्रोसेसिंग करना।
  • जीपीएफ का एमआईएस तैयार करना।
  • आयकर लेखा परीक्षा से संबंधित कार्य।

लेखापरीक्षा अनुभाग:

लेखा परीक्षा अनुभाग को दो प्रकोष्‍ठ में विभाजित किया गया है: आंतरिक लेखापरीक्षा प्रकोष्‍ठ और बाह्य लेखापरीक्षा प्रकोष्‍ठ। आंतरिक लेखापरीक्षा इकाई का गठन विभिन्न लेखापरीक्षा योग्य इकाइयों के आंतरिक विभागीय निरीक्षण कराने के लिए किया गया है। संपूर्ण दि.वि.प्रा. को 147 फील्ड ऑडिटेबल यूनिट्स और 63 हेड क्वार्टर ऑडिटेबल यूनिट्स में बांटा गया है। 147 फील्ड ऑडिटेबल यूनिट्स में से, 136 इकाइयों की लेखापरीक्षा वार्षिक होती है, 53 इकाइयों की लेखापरीक्षा अर्द्धवार्षिक और 21 इकाइयों की लेखापरीक्षा त्रैवार्षिक होती है। वर्तमान में पाँच लेखापरीक्षा की टीमें हैं, प्रत्येक में एक वरिष्‍ठ लेखाधिकारी अथवा लेखाधिकारी और एक सहायक लेखाधिकारी शामिल हैं। साधारणतया एक लेखापरीक्षा टीम को फील्ड यूनिट की लेखापरीक्षा करने और रिपोर्ट तैयार करने में 15 दिन और मुख्यालय इकाइयों के लिए 10 दिन का समय लगता है। लेखापरीक्षा की टीमें अपनी आंतरिक लेखापरीक्षा की रिपोर्टों को आंतरिक लेखापरीक्षा (मुख्यालय) प्रकोष्ठ को प्रस्तुत करती हैं।

बाह्य लेखापरीक्षा कक्ष शहरी विकास मंत्रालय और महालेखा परीक्षक (एजी) (लेखापरीक्षा), दिल्ली के साथ दि.वि.प्रा. के विभिन्न विभागाध्‍यक्षों, जैसा कि नीचे उल्लिखित है, से संबंधित विभिन्न प्रकारों के लेखापरीक्षा पैरा से संबंधित समन्वय कार्य के लिए जिम्मेदार है ।

  • पीएसी रिपोर्ट्स/पैरा (जांच हेतु पीएसी द्वारा चुने गए सीएजी पैरा)/ सीएजी।
  • पीएसी (संसदीय स्थायी समिति) रिपोटर्स / पैरा।
  • सीएजी पैरा।
  • प्रारूप लेखापरीक्षा पैरा।
  • तथ्यों का विवरण।

वित्त और व्यय अनुभाग:

यह अनुभाग मुख्‍य लेखा अधिकारी शाखा के एक नोडल कार्यालय के रूप में कार्य करता है।

मुख्य कार्य:

  • लेखा संवर्ग का संवर्ग नियंत्रण।
  • जब भी जरूरत हो, दिविप्रा की लेखा सेवा परीक्षण कराना।
  • दि.वि.प्रा. की लेखा संवर्ग (कैडर) का स्थानांतरण और तैनाती।
  • भारत के विभिन्न आदेशों का अनुपालन।
  • दि.वि.प्रा. के विभिन्न अधिकारियों को वित्तीय शक्ति प्रदान करना।
  • दि.वि.प्रा. के अन्‍य विभाग द्वारा भेजे गए विभिन्‍न प्रकार के मामलों/मुद्दों पर सीसीएस के नियमों एवं विनियमों पर स्‍पष्‍टीकरण और सलाह देना।

योजना समन्वय कक्ष:

योजना समन्वय कक्ष मुख्यत 1.5 करोड़ से 5 करोड़ तक की लागत के प्रारंभिक अनुमान और संशोधित अनुमान की प्रोसेसिंग हेतु जिम्मेदार है। उप मुख्‍य लेखाधिकारी इस कक्ष के प्रमुख हैं।

मुख्य कार्य:

  • पीई और आरपीई की प्रोसेंसिंग।
  • अभियंता सदस्‍य के वित्तीय सलाहकार के रूप में कार्य करना।
  • अभियंता सदस्‍य हेतु बजट का संकलन।
  • एमपी एवं एमएलए निधियों की निगरानी करना।
  • अभियांत्रिकी शाखाओं हेतु लेखा परीक्षा पैरा की निगरानी ।

निदेशक (वित्त) :

निदेशक (वित्‍त) 5 करोड़ या इससे अधिक की लागत वाली परियोजना के प्रारंभिक अनुमानों और संशोधित प्रार‍ंभिक अनुमानों के अनुमोदन हेतु हैं।

आवास शाखा:

आवास वित्‍त शाखा का नेतृत्‍व वित्‍तीय सलाहकार (आवास) द्वारा किया जाता है, जो वित्‍त सदस्‍य दिविप्रा को रिपोर्ट करता है। उन्‍हें दो उप वित्‍तीय सलाहकारों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।

वित्‍तीय सलाहकार (आवास) के अंतर्गत कार्य करने वाली आवास शाखा की मुख्‍य गतिविधियां :-

  • फ्लैटों की लागत की प्रोसेसिंग और निपटान।
  • वित्‍तीय सहमति हेतु बीजीडीए की प्रारंभिक अनुमान की जांच ।
  • मांग के खातों का रखरखाव और सीएससी/एलएससी में फ्लैटों /निर्मित दुकानों का संग्रह और उसकी वसूली करना।

आवास लेखा शाखा के डिवीजन :-

  • आवास लेखा केंद्र (एचएसी) फ्लैटों/दुकानों की लागत का निर्धारण करता है। इसके अतिरिक्‍त, एचएसी विभाग वित्‍तीय सहमति हेतु बीजीडीए की प्रारंभिक अनुमान की भी जाँच करता है।
  • सीएससी/एलएससी में फ्लैटों और निर्मित दुकानों के संबंध में उत्‍तरी, दक्षिणी, पश्चिमी, पूर्वी, द्वारका, रोहिणी जोनों और सामान्‍य (आवास) माँग और संग्रह के लेखा का रखरखाव करता है :-
    • प्रीमियम
    • भूभाटक
    • सेवा किराया
    • बकाया देय की वसूली
    • अन्‍य प्रभार
    • दंड राहत योजनाओं के अंतर्गत आवेदनों की प्रोसेसिंग और निपटान
  • रोकड़ (आवास) शाखा आवास की बैकिंग कार्यप्रणाली की देखभाल करता है, चालानों का सत्‍यापन और खातों को अद्यतन करने का कार्य करता है।
  • संस्‍थापना (आवास) शाखा संपूर्ण आवास शाखा के संस्‍थापना रिकार्ड का रखरखाव करता है और कर्मचारियों के भुगतान की देखभाल करता है।
  • एचएयू-IV अनुभाग पंजीकरण रिकार्ड की देखभाल करता है और दिविप्रा की पुरानी आवास योजनाओं के संबंध में एफडीआर को सरेंडर करने का कार्य देखता है।
  • समन्‍वय (आवास लेखा) शाखा संसद/विधान सभा के प्रश्‍न, वीआईपी/उप राज्‍यपाल/मंत्रालय/ के संदर्भ बजट/संशोधित बजट का संकलन/ तैयारी, आवधिक रिपोर्ट/रिटर्न का संकलन, आवास वित्‍त शाखा के संबंध में कार्यान्‍वयन हेतु दिविप्रा के प्राधिकारी और अन्‍य उच्‍च प्राधिकारियों के समक्ष रखने हेतु एजेंडा मद का प्रारूप तैयार करने से संबंधित कार्य करता है।
  • वित्‍तीय सलाहकार (आवास) दिविप्रा की विभिन्‍न आवासीय योजनाओं हेतु बैंकिंग प्रबंधन को देखता है।